महाकुंभ मेला 2025

                   महाकुंभ मेला 2025


PARYAGRAJ KHUBH MELA 2025


उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में शाही स्नान के बाद जाम की स्थिति फले जैसी बनी हुई है| प्रयास लगया जा रहा था कि नागा साधुओं के शाही स्नान के बुरे जाम से कुछ निजात मिलेगी परंतु जाम की स्थिति फले जैसी बनी हुई है | हर रोज लाखो की सांख्य में श्रधालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं, कोई बस से कोई ट्रेन से कोई अपनी गाड़ी से, जिस के चलते प्रयागराज में जाम की स्थिति बन गई है|लोगो को स्नान संगम तक पहुंच ने के लिए 20-20 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ रहा है| प्रयागराज के हर चौक चोरे पर से लेकर आस-पास के हर शहर में जाम की सेंट बनी है |सोशल मीडिया पर चल रही खबरो में इस दुनिया का सबसे लंबा जाम बन गया है| जाम की स्थिति को देखते हुए संगम स्थिति को बंद कर दिया है|

माघी पुनिमा स्नान 12 फरवरी को है | इस पर्व तक यही स्थिति बने रहने की उम्मीद है| महाखुंब मेले की आस्था का उबाल ने स्थानिय लोगो की मुस्किले बड़ा दी है |गली,सड़क पर निकलना मुश्किल हो गया है| गली, सड़क पर जाम की स्थिति बनी हुई|मेले में उम्मीद वाली भीड़ को देखते हुए संगम स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद कर दिया गया है| श्रद्धालू को अब ट्रेन पकड़ने के लिए प्रयागराज जंक्शन या किसी भी स्टेशन पर रुकना पड़ रहा है|

महाकुंभ में 144 साल बाद बने संयोग को लेकर लोगों में जबर्दस्त उत्साह देखते बन रहा है। जाम का आलम यह है कि नेशनल हाईवे से लेकर प्रयागराज शहर में भी गाड़ियां दो दिनों से रेंग रही हैं। शहर से जुड़े सभी सड़कों पर जाम के कारण लोगों को मेला पहुंचने के लिए 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा  है |

आपात योजना-

भिड को देखते हुए प्रसाशन योजना बनाई, भीड को प्रयागराज जंक्शन की तरफ बदलने से रोका गया | मोनी अमवश्या की तरह रविवार को ही प्रयागराज जंक्शन पर ट्रैफिक बढ़ने लगी तो रेलवे के साथ पुलिस प्रसासन हरकत में आई, भीड को खुसरोबाग की तरफ रवाना किया गया| भीड को देखे हुए रविवर को107 विशेष तैनो का संचलन किया गया|
सभी प्रमुख हाईवे पर जाम-प्रयागराज को जोड़ने वाली सभी सड़क पर जाम की स्थिति बनी है| वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, रीवा और कानपुर रोड पर वाहनों का लंबा रेला दिख रहा है। बच्चे और महिलाएं भूखे रहने के बाद भी मेला पहुंचने को आतुर दिख रहे हैं। प्रशासन की ओर से हाईवे के किनारे बनाए गए तमाम पार्किंग स्थल फुल हो चुके हैं। जाम की स्थिति यह है कि सिविल और ट्रैफिक पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा है।



जाम के कारण-

1. प्रयागराज को अन्य इलाकों से जोड़ने वाले सभी सात प्रमुख सड़कों पर 102 पार्किंग स्थल बनाए गए थे। तीनों स्नान पर्व खत्म होने के बाद इनकी संख्या घटाकर 36 कर दी गई। हालांकि, बसंत पंचमी के बाद भी तीर्थयात्रियों का दबाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सड़कों पर वाहनों के आ जाने से जाम जैसी स्थिति बनी हुई है।

2. तालमेल की कमी: प्रयागराज मेला प्रशासन की ओर से अमृत स्नान के समय में पड़ोसी जिलों के साथ तालमेल बैठाकर भीड़ को नियंत्रित किया गया। लेकिन, अब वाहनों को बॉर्डर पर रोकने की कोई कार्ययोजना नहीं है। इससे शहर में वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। अब शहर में दबाव बढ़ा है तो समीप के जिला प्रशासन से वाहनों को रोकने की सूचना भेजी जा रही है।
3. जानकारी का अभाव: प्रयागराज महाकुंभ मेला को लेकर लगाए गए पुलिस, पीएसी के जवान और अर्द्धसैनिक बल दूसरे स्थानों से आए हैं। उन्हें महाकुंभ मेला क्षेत्र का भौगोलिक ज्ञान कम है। इस कारण जब भी कोई श्रद्धालु कुछ भी पूछता है तो धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहें। यही जवाब मिलता है। इससे श्रद्धालु भी कई बार एक स्थान पर ठहर जाते हैं।

4. नहीं मिल रही सही सूचना: सड़कों पर फंसे श्रद्धालुओं को सही सूचना नहीं मिल रही है। सही रास्ता बताने के लिए साइनेज का अभाव है। इस कारण वाहन चालक एक-दूसरे को देखते हुए आगे बढ़ते जाते हैं। भीड़ बढ़ने पर बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को रोक दिया जाता है। अगर समय से स्थिति को नियंत्रित करें तो हालात काबू में रहेंगे।

5. वीवीआईपी प्रोटोकॉल: प्रयागराज महाकुंभ में हर रोज वीवीआईपी का आना-जाना जारी है। वीवीआईपी फ्लीट को पास कराने के लिए शहर में जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है। असर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर दिख रहा है। कई बार पुलिस और आम लोगों के बीच इसको लेकर झड़प की खबरें सामने आ चुकी  है।

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